भाग -2 ( विनिर्दिष्ट अनुतोष )
अध्याय -1 - सम्पत्ति के कब्जे की पुनर्प्राप्ति
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अंतर्गत कुछ ही धाराएं ऐसी हे जो परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी हैं। हम इसमें मात्र कुछ धाराओं को ही अच्छी तरह से पढ़ेंगे जिससे हमारा ध्यान मात्र अपने लक्ष्य की प्राप्ति में ही संलिप्त रहे।
धारा -6 . संपत्ति से बेकब्जा किये हुए व्यक्ति द्वारा वाद
Point - 1
- यदि कोई व्यक्ति अपनी सहमति के बिना
- विधि का पालन किये बिना
- अपनी स्थाई संपत्ति से , बेकब्जा कर दिया गया हो तो
- ऐसे अधिकार का दवा करने वाला कोई भी व्यक्ति
- ऐसे हक़ के होते हुए , जो वाद में खड़ा किया जा सके
- उस संपत्ति का कब्ज़ा, वाद द्वारा पुनर्प्राप्त कर सकेगा।
- इस धारा के अन्तर्गत कोई भी वाद निम्नलिखित स्थिति में नहीं लाया जायेगा-
- बेकब्जा किये जाने की तारीख से 06 महीने के बाद और
- सरकार के विरुद्ध।
- दोनों ही स्थिति होने पर कोई दावा न्यायलय में पेश नहीं किया जा सकता।
- इस धारा (यानि धारा 6 ) के अंतर्गत यदि कोई वाद लगाया गया हो तो वाद में पारित किसी भी आदेश या डिक्री की--
- न तो कोई अपील होगी
- न ही पुर्नविलोकन होगा।
- इस धारा (यानि धारा 6 ) की कोई भी बात किसी भी व्यक्ति को
- सम्पत्ति पर अपना हक़ ज़माने के लिए वाद लाने से ,
- उसके कब्जे की पुनर्प्राप्ति से
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